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उत्तर प्रदेश की निकम्मी सरकार ने अब डॉक्टर कफील का नाम हिस्ट्रीसीटर की लिस्ट में डाला

यूपी में पंचायत चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले गोरखपुर पुलिस ने 81 हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट के टॉप-10 में ही डॉक्टर कफील खान का नाम दर्ज है. 

जानकारी के मुताबिक गोरखपुर जिले में अभी तक 1562 हिस्ट्रीशीटर थे. इस लिस्ट में 81 नए नाम जोड़े जाने के बाद आंकडा 1643  हो गया है. कफील खान पर कुल 4 केस दर्ज हैं. उन पर तीन बार NSA भी लगाया जा चुका है. हालांकि कफील खुद पर लगे केसों को फर्जी बताते हैं.

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डॉक्टर कफील खान. यूपी के गोरखपुर के रहने वाले हैं. एक बार फिर से चर्चा में हैं. पुलिस ने 81 हिस्ट्रीशीटरों की एक लिस्ट जारी की है जिसमें डॉक्टर कफील खान का भी नाम है. इस लिस्ट के सामने आने के बाद कफील खान ने एक वीडियो जारी किया है. वहीं पुलिस अपनी लिस्ट पर कायम है.

पुलिस ने हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट में नाम डाला तो कफील खान ने वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा. कफील खान ने इस वीडियो में कहा,

“मैं तो चाहता हूं कि पुलिस मुझ पर नजर रखे. केवल कागज में ही नहीं बल्कि मेरे साथ दो पुलिसवालों की ड्यूटी लगा दी जाए जो मुझ पर 24 घंटे नजर रखें. कम से कम ऐसा होने से मैं फर्जी मुकदमों से तो बच जाऊंगा.”

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टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिस्ट्रीशीट के जरिए अपराधी पर नजर बनाए रखने में आसानी होती है. गोरखपुर के सीओ सिटी वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कफील खान की हिस्ट्रीशीट खोले जाने की पुष्टि की और कहा कि कफील के खिलाफ 4 गंभीर मामले दर्ज हैं इसलिए इस हिस्ट्रीशीट को खोला गया है.

उन्होंने कहा कि अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, अपराध अधिक है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और राजनीतिक द्वेष के चलते निर्दोष, निरपराध और बेगुनाह लोगों पर कार्रवाई की जा रही है.

खान के वकील केएन तिवारी ने कहा कि तीन मामलों में पुलिस चार्जशीट लगा चुकी है. इनमें से पहला मामला गोरखपुर अस्पताल में 63 बच्चों की मौत का है. दूसरा मामला अलीगढ़ में हेट स्पीच का है और तीसरा मामला बहराइच अस्पताल में हुए विवाद का है. 2018 के एक बैंक फ्रॉड मामले की जांच अभी भी जारी है.

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साल 2017 में डॉक्टर कफील खान तब चर्चा में आए थे जब गोरखपुर के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जनवरी 2020 में उन्हें AMU में दिए गए एक भाषण के कारण गिरफ्तार कर लिया गया था और NSA लगाया गया था. इसके करीब छह महीने बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई थी और NSA हटाने को कहा गया था. सितंबर 2020 से वो अपने पूरे परिवार के साथ राजस्थान के जयपुर में रह रहे हैं.

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