प्रदेश के टॉप दस अपराधियों में शामिल ध्रुव सिंह उर्फ़ किन्नटू सिंह और मोहम्दाबाद के प्रमुख अजित सिंह गहरी दोस्ती थी, मगर सियासी ब्रच्वस की महत्वकांशा ने इसमें दरार दाल दी साल २००५ में हुए पंचयत चुनाव में देवसी पुर से छेत्र पंचयात का चुनाव जितने के बाद अजित सिंह साल २००६ मु उपप्रमुख चीन गया.
अगली बार के चुनाव में अजित सिंह ने अपनी पत्नी रानू को मैदान में उतरा और जितने भी सफल रहा और चुनाव का पूरा खर्च रुपया और ताकत किंटू सिंह की थी और डील हुए थी की चुनाव जितने के बाद आप हमारी तरह से काम करोगे जनता के बीच में लेकिन चुनाव जितने के बाद अजित सिंह ने अपने तरीके से काम करना स्टार्ट कर दिया जो कुण्टू सिंह के नागवार लगा और दोनों के बीच में प्रतिदन्ता का भाव पनपने लगा.
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हालत ये हो गयी की कुण्टू सिंह ने कुछ छेत्र पंचायत प्रतिनिधियो को तोड़ कर रानू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेन की तयारी करने लगा इस ब्बत की जानकारी जब अजित को लगी तो अपने बल का इस्तेमाल कर उसने भी सरे सदस्यों को एकत्रित कर लिया और कुण्टू सिंह के इरादों पर पानी फेर दिया. इसके बाद कुण्टू सिंह ने अजित को अपने प्रभाव में लेने के लिए आजमगढ़ के सगड़ी से बिद्याक सर्वेश सिंह सिप्पू को जान से मरने की जिम्मेदारी दी लेकिन अजित ने ऐसा न कर के इसकी जानकारी भी सिप्पू सिंह को दिला दी.
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इसके बाद प्रशासन ने सिप्पू की सुरक्षा तो बढ़ा दी लेकिन लेकिन उनकी हत्या को नहीं रोक सकी. इस हत्या के बाद अजित चश्मदीद गवाह बन गया जिससे कुण्टू और अजित के बीच गहरी खाई पैदा कर दी. मामला यही नहीं रुका साल २०१९ में कुण्टू सिंह ने अपने कुछ आदमी भेजकर १५ लॅक रुपया की अजित से मांग की लेकिन वह भी हातपाइ हुए और पैसे नहीं मिले जिसकी जानकारी अजित ने पुलिस स्टेशन में केश दर्ज करा कर दी. पुलिस इस मुकदमे की जानकारी कर चार्जशीट लगा चुकी है
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