Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

कैसा समाज बन रहा है, बदायूं गैंगरेप, महिला आयोग की सदस्य ने पीड़िता को ही दोषी ठहरा दिया

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी बदायूं गैंगरेप पीड़ित के परिजनों से मिलने गई थी. परिवार के लोगों से मिलने के बाद चंद्रमुखी देवी ने एक विवादित बयान दे दिया. 

उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला अगर शाम के समय नहीं गई होती या उसके साथ परिवार का कोई सदस्य साथ में होता तो ऐसी घटना नहीं घटती. परिवार के लोगों से मिलने के बाद चंद्रमुखी ने मीडिया से बात करते हुए ये बाटे कही.

UP में इंसानियत फिर शर्मसार, महिला के साथ दुष्कर्म

चंद्रमुखी के इस बयान को सोशल मीडिया यूजर्स ने आड़े हाथों लिया है. लोगों ने कहा है कि ऐसी सोच रखनी वाली चंद्रमुखी राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य कैसे हो सकती है. कई लोगों ने उन्हें माफ़ी मांगने की सलाह दी तो कइयों ने कहा कि उन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य se से हटा दिया जाना चाहिए.

बता दे की चंद्रमुखी देवी 26 नवंबर 2018 से राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य हैं. 2011-2014 तक वह बिहार राज्य महिला आयोग की सदस्य रह चुकी हैं. चंद्रमुखी 1995 में हुए अविभाजित बिहार के विधानसभा चुनाव में खगड़िया सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर पटना पहुंची थी. इसी साल उन्हें महिला और बाल विकास समिति के लिए नामित किया गया था. चंद्रमुखी 1988 के बाद से लगातार कई महिलाओं से संबंधित संगठनों के साथ जुड़ी रही हैं.

योगी सरकार का बड़ा घोटाला 

3 जनवरी को बदायूं जिले में 50 साल की महिला की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई. उनके प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी चीज डालने की कोशिश की गई. उनके शरीर पर कई और जगह गंभीर चोट के निशान मिले. मामले को लेकर पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं. तीन आरोपियों में एक मंदिर का पुजारी भी है. दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण अभी भी फरार है. गिरफ्तार हुए आरोपियों के नाम वेदराम और सत्यपाल हैं. 

वेदराम, महंत का चेला है और सत्यपाल ड्राइवर. फरार मुख्य आरोपी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया गया है उसकी तलाश में 4 टीमों को लगाया गया है. डीएम ने कहा है कि सभी आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया जाएगा. वहीं मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी.

Post a Comment

0 Comments