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Moral Story: पत्नी ने कहा की स्त्रियां पुरुषों से कम नहीं..

एक अमीर आदमी की शादी बुद्धिमान स्त्री से होती है, अमीर हमेशा अपनी पत्नी से तर्क और वाद-विवाद में हार जाते थे....

पत्नी ने कहा की स्त्रियां पुरुषों से कम नहीं.. 

उनके पति ने कहा मैं दो वर्षो के लिये परदेश चला जाता हूँ ।

फिर तुम ,एक महल ,बिजनेस में मुनाफा और एक बच्चा पैदा करके दिखा दो। 

फिर हम मान जायेंगे कि महिला पुरुषों से कम नही होती, और यह भी मान लूंगा की तुम बहुत बुद्धि और ज्ञान कि तेज हो...फिर क्या थी उनके पति अगली ही दिन सुबह गाड़ी पकड़ के परदेश चला गया... 


पत्नी ने सारे कर्मचारियों में ईमानदारी का बोध जगा के और मेहनत का गुण भर दि।

पगार भी दो गुणा बढ़ा दी।

सारे कर्मचारी खुश होकर दिल लगा के दिन रात काम करने लगे।

मुनाफा बहुत तेजी से बढ़ने लगी उम्मीद से भी काफी बढ़ी...फिर उसी मुनाफे हुई पैसे से पत्नी ने एक आलीशान महल बनवा ली.. जो देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत दूर से ही लगती थी....

पत्नी ने महल तो बनवा ली फिर सोची २ काम तो अच्छी तरह से कर ली अब रही बच्चे पैदा करने कि.. 


पत्नी ने लगभग दस गाय पाली.. सारी गाय की काफी ज्यादा

सेवा की ... 

गाय माता का दूध काफी अच्छा हुआ.. दूध की नदिया बहने लगी.... दूध कि सफलाई इतनी होने लगी की देश तो छोरीये विदेश से भी काफी ज्यादा ऑफर आने लगी...फिर पत्नी ने दूध से दही घी और मक्खन की शफलाई विदेश में भी काफी मात्रा में टांसपोर्ट करने लगी...

पत्नी को अब विदेश भी आना जाना होने लगा...

फिर एक दिन पत्नी अपने पति को देखी ।

पत्नी सोची क्यों न अपने पति को सरप्राइज दी जाए...

लेकिन कुछ ही पल में उसे अपने पति की शर्ते याद आ गई और अपने आप को संभाल ली..

पत्नी को एक ही बात खाई जा रही थी की शर्ते तो पूरी लगभग हो चुकी है ।

लेकिन बच्चे कैसे पैदा होंगे ,  पत्नी एक स्वाभाविक महिला थी वह गैर पुरुषों के साथ हम बिस्तर तो होना नहीं चाह रही थी फिर उसके दिमाग में एक उपाय सूझा....


पत्नी ने भेष बदल कर अपने पति से एक दिन पार्क में मिली,उनके पति पत्नी को पहचान नहीं पाया, पत्नी बहुत गरीब लड़की बन के उनके साथ पेश आई थी...पत्नी बोली की में यहां दूध दही और मलाई बेचती हूँ ...पत्नी के पति बोले मुझे भी आप रोज दूध और दही मेरे घर दिया करो ....फिर क्या थी रोज पूजा दूध दही देने उनके रूम जाने लगी...पत्नी की मुलाकात अब बराबर उसके पति से होने लगी...पत्नी उनके लिए चाय नाश्ता भी बना दिया करती थी...

और एक दिन.....

रूप के मोहपाश में फँसा कर एक दिन संबंध बना ली।

फिर एक दो बार और संबंध बना के अपने पति को खुश कर के एक अँगुठी उपहार में ले ली।

फिर कुछ ही दिन में वह अपने देश लौट आई।

पत्नी एक बच्चे की माँ भी बन गई।


दो वर्ष पूरे होने पर जब पत्नी के पति घर आए तो।

महल और शानो-शौकत देखकर पति दंग और प्रसन्न भी काफी हुए।

मगर जैसे ही पत्नी की गोद में बच्चा देखा क्रोध से चीख उठा और चिलाते हुए बोला ये बच्चा किसका है ?

पत्नी ने जब दही वाली गूजरी की याद दिलाई और उनकी दी अँगुठी दिखाई तो उसके पति का दिमाग हिल गया और हक्के बक्के रह गया।

पत्नी ने कहा-ः

अगर वो दही वाली गुजरी मेरी जगह कोई और होती तो???

इस ''का" तो उत्तर तो पूरी पुरूष जाति के पास नही है।


नारी नर की सहचरी, उसके धर्म की रक्षक, 

उसकी गृहलक्ष्मी तथा उसे देवत्व तक 

पहुँचाने वाली साधिका है। 


कहानी अच्छी लगी हो तो लाईक और शेयर जरूर करे.  

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