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पढ़ें: पूरी जीवनी, कौन थे मिल्खा सिंह जो दुनिया को अलविदा कह गए

मिल्खा सिंह भारत के सबसे बेस्ट एथलीटों में से एक और सम्मानित धावक हैं, मिल्खा सिंह ने अपने जीवन में कुल 80 रेसों में भाग लिया था जिसमे उन्होंने 77 रेस जीती है। साथ ही मिल्खा सिंह ने अपनी अद्वितीय स्पीड के कारण कई रिकॉर्ड दर्ज किए हैं।

तो वही मिल्खा सिंह की स्पीड के कारण उन्होंने ”फ्लाइंग सिख” के नाम से जाना जाता है। मिल्खा सिंह ने रोम के 1960 ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के 1964 ग्रीष्म ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है।

मिल्खा सिंह जीवन परिचय (Milkha Singh Biography)

पूरा नाम मिल्खा सिंह

जन्म  8 अक्टूबर, 1935, लायलपुर

पत्नी निर्मल कौर  !  

बच्चे 1 बेटा, 3 बेटियां

पुरस्कार पद्म श्री

मिल्खा सिंह का जन्म एक सिख परिवार में 20 नवम्बर1929 में गोविंदपुरा में हुआ था,जो इस समय पाकिस्तान का हिस्सा है। मिल्खा सिंह अपने माता-पिता की 15 संतानों में से एक थे। लेकिन मिल्खा सिंह के कई भाई-बहन बचपन में ही गुजर गए थे।

तो वही भारत का विभाजन के बाद हुए दंगों में मिल्खा सिंह ने अपने माता-पिता और भाई-बहन को खो दिया था। जिसके बाद मिल्खा सिंह शरणार्थी के तौर पर ट्रेन के द्वारा पाकिस्तान से दिल्ली आ गए और अपनी शादी-शुदा बहन के घर पर कुछ दिन के लिए रुख गए।

जिसके बाद मिल्खा सिंह कुछ समय शरणार्थी शिविरों में रहे फिर दिल्ली के शहादरा इलाके में कुछ दिन गुजारे। भारत विभाजन के बाद हुए दंगों से मिल्खा सिंह के ह्रदय पर गहरा आघात लगा था।

मिल्खा सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था की उनके माता-पिता की हत्या उनके सामने हुई थी, साथ ही मिल्खा सिंह ये भी बताया था की उनके पिता के आखरी शब्द भाग मिल्खा भाग थे।

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