गुजरात बिधान सभा के चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने पाटीदारो के आगे अपने घुटने टेक दिए है । बता दे की 2015 में पाटीदार आंदोलन काफी हिंसक हो गया था जिसकी वजह से सरकर ने पाटीदार समुदाय के काफी लोगो पर केस दर्ज किया था । चूँकि अब इलेक्शन करीब है ऐसे में बीजेपी फिर से पाटीदारो को अपने पाले में लाने की कवायद तेज करते हुए संकेत दिए है की पाटीदारो के ऊपर लगे केस को हटाया जायेगा और गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बुधवार को कहा कि पाटीदार समुदाय के आरक्षण की मांग के आयोग को कैबिनेट की मंजूर दे दी गई है।
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बता दे हार्दिक पटेल के अगुवाई में पाटीदारो ने 2015 में आरछण की मांग को लेकर आंदोलन किया था । स्कूलों से लेकर सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरछण की मांग की थी बाद में आंदोलन हिंसक रूप ले लिया था । मांगे पूरी न होने से पाटीदार बीजेपी से नाराज थे उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी अब ये फैसला लेने जा रही है ।
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बता दे की इसकी एक वजह और भी हो सकती है जो है कांग्रेस का जनाधार बढ़ना । जिस तरह से राहुल गाँधी इन दिनों सौराष्ट्र का दौरा कर रहे है ये इलाका भी पाटीदारो का है । और राहुल गाँधी को आछा खासा रिस्पांस भी मिल रहा है । और जिस तरह से हार्दिक पटेल ने उनका सवागत किया उससे कही न कही बीजेपी को अपना खतरा महसूस हो रहा है । इसी सब चीजों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने ये फैसला लेने का सोची है ।
माना ये भी जा रहा है की आम आदमी पार्टी भी गुजरात में अपने कैंडिडेट खड़े करेगी ऐसे में बीजेपी की मुश्किल और बढ़ जाएगी इसी सब को ध्यान में रखते हुए बीजेपी अब पाटीदारो के आगे अपने घुटने टेकने के लिए मजबूर है इसके आलावा उसके पास और कोई रास्ता भी नहीं दीखता की वो आसानी से गुजरात जीत पाए।
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अगर ऐसा कुछ होता है तो इससे साफ पता चलता है की राजनितिक पार्टिया अपने वोट बैंक के लिए किस हद तक गिर सकती है या यु कहे तो अपने ईमान को बेच सकती है ।
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