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शुरूआती दौर में पति-पत्नी का रिश्ता बेहद रोमांटिक, भावुक और आत्मीय होता है।

स्त्री अगर पति से संतुष्ठि भरा संभोग प्राप्ति कर ले तो वो उसके लिए काफी होती है और हर विपरीत परिस्थिति से उभरने के लिए,

शादीशुदा जीवन में एक समय ऐसा आता है, जब हर रिश्ता अपने रूप में बदलता है। शुरूआती दौर में पति-पत्नी का रिश्ता बेहद रोमांटिक, भावुक और आत्मीय होता है। प्यार, आलिंगन और एक-दूसरे के साथ बिताया हर पल खास लगता है। सुमन की भी शादी एक बड़े घराने में हुई थी, जहाँ उनके पति विनीत बेहद सफल थे। विनीत परिवार के एकलौते बेटे थे और सुमन की ज़िंदगी उनके साथ प्रेम और खुशी से भरी हुई थी। दोनों का रिश्ता एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करने में मजबूती से बंधा हुआ था। 


शुरूआती कुछ वर्षों तक सुमन का मन दिन-रात अपने पति के साथ आलिंगन और प्रेम में लिप्त रहने का होता था, और विनीत भी इसी में आनंद पाते थे। समय के साथ, जैसे-जैसे उनकी शादी को कुछ साल बीते, सुमन ने महसूस किया कि धीरे-धीरे उसका इस शारीरिक संबंध से मन हटने लगा। यह बदलाव अचानक नहीं था, बल्कि यह धीरे-धीरे हुआ। उन्होंने सोचा कि शायद यह सिर्फ एक स्त्री का स्वाभाविक बदलाव है, लेकिन उन्होंने देखा कि उनके पति इस बात को समझने में नाकाम रहे। पति को ऐसा लगने लगा कि सुमन सिर्फ बहाने बना रही हैं।


सुमन के इस बदलाव ने उनके रिश्ते में एक दूरी पैदा कर दी। विनीत का व्यवहार धीरे-धीरे रूखा होने लगा। वह अब बातों का सीधा जवाब नहीं देते थे, और किसी भी विषय पर सुमन से खुलकर बात नहीं करते थे। सुमन ने महसूस किया कि यह बदलाव सिर्फ शारीरिक जरूरतों को नकारने से नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक गहरी भावना थी जो धीरे-धीरे उनके रिश्ते को प्रभावित कर रही थी।


काफी समय तक सोचने और विचार करने के बाद, सुमन ने एक डॉक्टर से सलाह लेने का निर्णय लिया। उन्होंने डॉक्टर से अपने मन की बात साझा की और कहा कि उनका अब शारीरिक संबंधों में कोई रूचि नहीं रह गया है, जिससे उनके रिश्ते पर बुरा असर पड़ रहा है। डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी, "अगर आप अपने पति से प्रेम करती हैं, तो अपनी इच्छाओं को किनारे रखिए और उनकी जरूरतों को पूरा कीजिए।"


डॉक्टर की इस सलाह ने सुमन के मन को झकझोर कर रख दिया। उन्होंने सोचा, "क्या एक औरत का अपना कोई मन नहीं होता? क्या अगर वह शारीरिक संबंध नहीं चाहती, तो किसी को उसके साथ जबरदस्ती करने का हक़ है?" 


एक दिन, जब सुमन की तबियत खराब हुई, तो उनके पति ने उनका पूरी तरह से ख्याल रखा। बरसात का मौसम था और सुमन को बुखार और सिरदर्द ने जकड़ लिया था। विनीत ने उन्हें डॉक्टर के पास ले जाकर दवाइयां दिलाईं, खाना बनाया, और उनकी सेवा की। जब सुमन सुबह उठी, तो उन्होंने देखा कि विनीत रसोई में उनके लिए नाश्ता बना रहे थे। विनीत रोज़ सुबह 10 बजे अपनी बाइक से ऑफिस जाते थे, दिन भर ऑफिस और फील्ड के कामों में व्यस्त रहते थे। चाहे कितनी भी गर्मी हो या ठंड, वह कभी शिकायत नहीं करते थे। उन्होंने महसूस किया कि विनीत सिर्फ उनके लिए इतना कुछ करते हैं, बिना किसी अपेक्षा के।


सुमन के मन में एक गहरी सोच ने जन्म लिया। उन्हें लगा कि वह खुद कितनी स्वार्थी हो गई थीं। वह सिर्फ अपने मन की सोचती थीं, जबकि विनीत दिन-रात उनके लिए काम करते थे, बिना कोई शिकवा-शिकायत किए। उस दिन के बाद, जब सुमन की तबियत ठीक हुई, तो उन्होंने खुद अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने की पहल की। अब जब भी विनीत उनसे कुछ चाहते, सुमन ने इसे अपने कर्तव्य के रूप में लिया और उनके प्रति अपने समर्थन को बिना किसी संकोच के दिखाया।


धीरे-धीरे, उनके बीच की दूरी कम होने लगी। विनीत पहले से कहीं ज्यादा सुमन की परवाह करने लगे। महर्षि वात्स्यायन के एक श्लोक को याद करते हुए, सुमन ने समझा कि कैसे एक स्त्री को दिन के समय सभी के सामने एक गरिमामयी और शालीन रहना चाहिए, लेकिन रात में अपने पति के सामने खुद को पूरी तरह समर्पित कर देना चाहिए। 


पहले सुमन को यह विचार सही नहीं लगता था, लेकिन अब उन्होंने महसूस किया कि इसमें गहरी सच्चाई है। एक पुरुष तब शारीरिक संबंधों के लिए तैयार होता है जब वह अपनी पत्नी के प्रति भावनात्मक और शारीरिक रूप से जुड़ा हुआ महसूस करता है, और एक स्त्री तभी तैयार होती है जब उसका पुरुष उसकी भावनाओं और जरूरतों का ख्याल रखता है। 


इसलिए, सुमन ने अब यह समझा कि एक स्त्री को अपने पति की शारीरिक जरूरतों को भी समझना चाहिए। यह सिर्फ एक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक संबंध की मजबूती का हिस्सा है। अगर एक स्त्री अपने पति की शारीरिक इच्छाओं का ख्याल रखेगी, तो धीरे-धीरे उनके बीच की सभी समस्याएं सुलझने लगेंगी। आज की आधुनिक दुनिया में, स्त्रियाँ अक्सर यह सोचती हैं कि शारीरिक संबंध उनकी निजी इच्छा पर निर्भर करते हैं, लेकिन वे यह भूल जाती हैं कि यह उनके पति की एक बुनियादी जरूरत है।


अगर आपके और आपके पति के बीच भी यही समस्या है, तो यह समझिए कि शारीरिक संबंध सिर्फ मन की बात नहीं होती, यह एक पति के लिए एक जरूरत होती है।

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