लोक सभा चुनाव के बाद ही बीजेपी ने बैठक करके खेल शुरु कर दिया है इसमें नीतीश नहीं हैं ध्यान रखिएगा पढ़ते समय..
तो लोक सभा चुनाव के बाद ही बीजेपी और साथ में चिराग पासवान कि एक अलग बैठक हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य था बिहार में तेजस्वी के मुकाबले एक चेहरा खड़ा करना..
जो हर फील्ड में तेजस्वी को टक्कर दे, जैसे वो जाति से पिछड़ा या दलित हो, युवा हो और उसकी छवि साफ हो..
फिर सारे लोग चिराग पर जाकर अटके, फिर डिसाइड हुआ कि चिराग को लोग तो दलित ही नहीं मानते , फिर इसका तोड़ शुरु हुआ जिसका नतीजा हम पिछ्ले 2 महीने कि राजनीति में देख रहे हैं और बिहार विधान सभा चुनाव 2025 तक देखते रहेंगे।
मास्टर प्लान तैयार किया गया कि मोदी कैबिनेट झूठ मुठ का SC/ST और पिछड़ा विरोधी बिल लाएगा फिर बिहार से तेजस्वी तो इसका विरोध करेगा ही, नीतीश कुमार विरोध नहीं करेगा क्यूंकि उसे विधान सभा में बीजेपी का साथ हर हाल में चाहिए, राजद साथ देगा नहीं तो नीतीश हो गए राजनीतिक अपंग..
इसलिए ये नीतीश को निपटा इसी मंत्र से देंगे, वो ऐसे बिल लाएंगे तेजस्वी तो विरोध करेगा ही करेगा, इधर से चिराग भी इस बिल का विरोध करेगा, चिराग विरोध करेगा और हमारी गोद में बैठी गोल्डन मीडिया उसको नैरेटीव बना देगी कि चिराग के कहने पर बिल वापस किया गया , चिराग ही है दलित और पिछड़ा अतिपिछड़ा का मसीहा..
चेहरा चमकाने कि राजनीति को सहारा लेकर विधान सभा में चिराग को अपना चेहरा बनाकर नीतीश कुमार को धकेल कर आगे बढ़ जायेगा और इधर बिहार में तेजस्वी से सीधी टक्कर भी कर लेगा।
काम शुरू हो चुका है आप खुद देख लो, गोल्डेन मीडिया अपने मालिक के लिए भौंकना शुरु कर दिया, है बिल लाओ और वापस करो वाला ड्रामा भी शुरू हो चुका, क्रेडिट क्रेडिट का खेल भी शुरू हो चुका है..
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