भारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में विधानसभ चुनावों में बहुत कम समय रह गया है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों ने एक दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए स्थानीय नेताओं को अपने पाले में लाने की जद्दोजहद जारी है. इसी नीति को अपनाते हुए समाजवादी पार्टी ने पूर्वांचल में बीएसपी और बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगायी है. बीते रविवार को गोरखपुर के बाहुबली ब्राह्मण नेता और पूर्व मंत्री हरि शंकर तिवारी अपने पूरे कुनबे के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.
कहा जाता है कि पूर्व मंत्री हरि शंकर तिवारी के सपा में शामिल होने से पूर्वांचल में गैर यादव -मुस्लिम वोटों को अपने पाले में करने में आसानी होगी. खलीलाबाद से बीजेपी के विधायक जय चौबे ने भी पार्टी छोड़ सपा में शामिल हो गए हैं. जय चौबे 2017 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर संतकबीर नगर से विधायक बने थे.
कौन हैं हरि शंकर तिवारी
हरिशंकर तिवारी ने 1980 में अपराध की दुनिया छोड़ राजनीती में कदम रखा था. 1985 में गोरखपुर के चिल्लूपार से जेल में रहते हुए विधानसभा सीट जीती थी.
इस सीट से वह 6 बार विधायक रहे और इस दौरान वह सपा, बीएसपी, बीजेपी और कांग्रेस में रहते हुए कई बार मंत्री भी बने. जबकि उनके बड़े बेटे भीष्म शंकर उर्फ़ कुशल तिवारी 2009 में संकबीर नगर से बीएसपी के टिकट पर सांसद थे, वहीं उनके छोटे बेटे चिल्लूपार से ही बीएसपी से ही विधायक हैं.
उनके भांजे गणेश शंकर पाण्डेय बीएसपी एमएलसी और विधान परिषद के सभापति रहे हैं. कल इन तीनों ने समाजवादी पार्टी की सदस्यात ग्रहण की.
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