भवानीपुर ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट रही है. लेकिन इस साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी ये सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था. जहां उन्हें उनके ही सिपहसालार रहे सुभेंदु अधिकारी ने बेहद ही नजदीकी मुकाबले में हरा दिया था. सीएम बने रहने के लिए भवानीपुर उपचुनाव जीतना ममता के लिए बहुत हो गया था. TMC के विधायक सोवन्देब चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर पर जीत हासिल की थी लेकिन ममता के लि उन्होंने ये सीट खाली कर दी थी.
पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट से ममता बनर्जी उपचुनाव जीत गई हैं. उन्होंने BJP की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को 58,835 वोटों के अंतर से हराया. ममता बनर्जी को 85263 वोट मिले. वहीं बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल को 26428 वोट मिले, जबकि सीपीएम कैंडिडेट श्रीजीब को मात्र 4201 वोट मिले.
जीत के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस जीत के लिए सभी को धन्यवाद देती हैं. भवानीपुर में 46 प्रतिशत गैर बंगाली वोटर हैं, सभी ने मुझे वोट दिया. ममता बनर्जी ने इस दौरान केंद्र पर निशाना साधा. कहा कि इतने छोटे से विधानसभा क्षेत्र के लिए 3.5 हजार केंद्रीय बलों की तैनाती की गई. हमारे खिलाफ साजिश की गई. उन्होंने नंदीग्राम में मिली हार का जिक्र किया और कहा कि ये मामला कोर्ट में है, इसलिए वो कुछ नहीं कहना चाहती हैं, लेकिन यहां क्या क्या हुआ, इसे लोगों ने देखा है.
बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि इस मुकाबले की मैन ऑफ द मैच वह खुद हैं. अभी लंबी उम्र पड़ी है. वह लड़ाई जारी रखेंगी. टिबरेवाल ने कहा कि कल मैंने सुना कोई राजनीतिक विश्लेषक कह रहे थे कि जब कोई मैच होता है तो एक टीम जीतती है, एक हारती है.मान लीजिए कि यह एक मैच था. जरूरी नहीं है कि जीतने वाली टीम का ही खिलाड़ी मैन ऑफ द मैच हो. तो इस गेम की मैन ऑफ द मैच मैं हूं, यह मैंने साबित किया, उस गढ़ में जाकर इलेक्शन लड़ा, पूरे साहस के साथ और 25 हजार वोट मुझे मिले हैं.
उन्होंने ममता को जीत की बधाई दी है. प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि मैं हार स्वीकार कर रही हूं, लेकिन मैं कोर्ट नहीं जा रही हूं. वे लोग कह रहे थे कि ममता एक लाख वोट से जीतेंगी, लेकिन उन्हें लगभग 50 हजार वोटों से जीत मिली है. मैं ममता बनर्जी को बधाई देती हूं, लेकिन वह जिस तरह से चुनाव जीतीं है उसे सभी लोगों ने देखा है.
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उपचुनावों की मतगणना के दौरान या उसके बाद जीत का जश्न न मनाया जाए. न ही कोई जुलूस निकाले. कोरोना महामारी को देखते हुए आयोग ने ममता सरकार को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है. साथ ही आयोग ने इस पर भी नजर रखने को कहा है कि चुनाव के बाद हिंसा न हो. हालांकि टीएमसी के कार्यकर्ता दीदी की जीत का जश्न मनाते दिखे.
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