चुनाव लड़ने और लड़वाने के लिए तैयारी कर रहे लोगों ने अपने-अपने जिला पंचायत राज अधिकारियों को संपर्क कर हकीकत जानने का जो सिलसिला शुरू किया वह देर रात तक जारी रहा। तमाम जिला पंचायत राज अधिकारियों ने थक हार कर अपने मोबाईल फोन ही स्विच आफ कर दिए।
उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अब सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों को भ्रमित करने का फर्जीवाड़ा भी शुरू हो गया है। शनिवार को ब्लाक प्रमुखों के आरक्षण के आवंटन का फर्जी चार्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस फर्जी चार्ट की वजह से पूरे प्रदेश में हड़कम्प मच गया। फ़िलहाल प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।
यहां देखें पूरी लिस्ट: जिलेवार जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण सूची जारी
हिन्दुस्तान' ने इस मामले की जो पड़ताल की उसमें सामने आया कि किसी ने यह फर्जी चार्ट बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया ताकि चुनाव से पहले प्रदेश का माहौल बिगाड़ा जा सके और फिर इस पर राजनीति गरमाई जाए। इस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे।
विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विकासखण्ड वार ब्लाक प्रमुखों के आरक्षण के आवंटन की प्रक्रिया 20 फरवरी से शुरू होनी थी और आगामी 2 व 3 मार्च को इस आरक्षण का चार्ट प्रकाशित किया जाता और उस पर दावे व आपत्तियां मांगी जातीं ।
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इस पूरे मामले पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में कहा कि ब्लाक प्रमुखों का आरक्षण शासन स्तर पर जारी हुआ है।इस आरक्षण का आवंटन जिलाधिकारियों द्वारा जारी किया जाना है। इसके लिए पूरा कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। सोशल मीडिया पर जारी फर्जी चार्ट के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है। मगर यदि ऐसा हुआ है और किसी ने साज़िशन यह हरकत की है। उसकी पूरी जांच करवायी जाएगी।
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